औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने राज्य के स्टार्टअप रैंकिंग 2018 जारी की है इस रैंकिंग में गुजरात शीर्ष पायदान पर है| स्टार्ट अप इंडिया योजना से देश के युवाओं को बड़े पैमाने पर स्वरोजगार और उद्यमी बनने का मौका मिल रहा है| इसी कड़ी में 20 दिसंबर को राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2018 जारी की गई यहअपने तरह की पहली रैंकिंग है इससे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग यानी डीआईपीपी ने जारी किया है| इसके तहत उभरते उद्यमो के लिए राज्यों की ओर से अधिक अनुकूल तंत्र विकसित करने के प्रदर्शन के आधार पर स्टार्टअप रैंकिंग जारी की गई है|
गुजरात स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है| औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने राज्यों की रैंकिंग तैयार करने के लिए फरवरी 2018 में राज्य स्टार्टअप रैंकिंग फ्रेमवर्क लॉन्च किया था| राज्यों की ओर से स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल विकसित करने के लिए किए गए प्रयास रैंकिंग का आधार था| इस प्रक्रिया में 27 राज्य जिनमे में पूर्वोत्तर के 5 राज्य शामिल है और तीन संघ शासित प्रदेशों ने भाग लिया था| नेतृत्व नवाचार नवाचार प्रगति पूर्वोत्तर नेतृत्व और पर्वती राज नेतृत्व जैसे विभिन्न श्रेणियों में रखा गया|
राज्यों की स्टार्टअप इंडिया योजना रैंकिंग 2018 में सात क्षेत्र और 38 कार्रवाई बिंदु शामिल किये गए जो निम्लिखित है|
- स्टार्टअप नीति और अमल, इनक्यूबेशन केंद्र
- शुरुआती पूंजी, एंजल और उद्यम वित्तपोषण
- सरल नियम, सरकारी खरीद में आसानी
- जागरूकता और पहुंच
राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2018 राज्यों की श्रेणियां के प्रकार
- शानदार प्रदर्शन, बेहतरीन प्रदर्शन
- मार्गदर्शक, आकांक्षी मार्गदर्शक
- उभरते हुए राज्य और आरंभकर्ता
राज्यों की स्टार्टअप रैकिंग 2018 राज्यों की स्थिति
- शानदार प्रदर्शन – गुजरात
- बेहतरीन प्रदर्शन – कर्नाटक, केरल, ओडिशा और राजस्थान
- मार्गदर्शक-आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना
- आकांक्षी मार्गदर्शक – हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल
- उभरते राज्य – असम, दिल्ली, गोवा, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तराखंड
- आरंभकर्ता – चंडीगढ़, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, पुदुच्चेरी, सिक्किम और त्रिपुरा
इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 51 अधिकारियों को चैंपियन के रूप में चुना गया है जिन्होंने अपने राज्यों की स्टार्टअप प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है| राज्य और संघ शासित प्रदेशों को रैंकिंग देने के विचार के पीछे मकसद राज्यों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करना है| पूरी प्रक्रिया राज्यों की क्षमता विकास के लिए की गई है अभी तक 22 राज्यों ने अपनी-अपनी स्टार्टअप नीति बनाई है| डीआईपीपी सचिव रमेश अभिषेक का कहना है कि स्टार्टअप की सफलता के लिए राज्यों के अपने नए नियमों को आसान बनाना चाहिए|
स्टार्टअप रैंकिंग के लिए मूल्यांकन समिति में स्टार्टअप प्रणाली से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों को रखा गया था जिन्होंने विभिन्न मानकों के ऊपर सभी राज्यों का मूल्यांकन किया| कई मानक लाभार्थियों के फीडबैक से संबंधित भी थे| लाभार्थियों से बातचीत करने के लिए नो विभिन्न भाषाओं में 40000 से ज्यादा अधिक टेलीफोन कॉल किए गए ताकि जमीनी हकीकत जानी जा सके| सरकार ने देश में उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए जनवरी 2016 में स्टार्टअप इंडिया लांच किया था| इसका मकसद देश में भारतीय उद्यमियों को प्रोत्साहन देना था| योजना के तहत कर-अवकाश और इंस्पेक्टर राज्य से मुक्त व्यवस्था और पूंजीगत लाभ कर की छुट दी जा रही है|
जनवरी 2019 में स्टार्टअप इंडिया योजना पहल के 3 साल पूरे हो जाएंगे| शुरुआत के बाद से ही इस पहल को कामयाबी मिली शुरू हो गई थी| अब तक देशभर में 14600 से ज्यादा स्टार्टअप है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की थी| इस योजना की शुरू हुए 2 साल 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं| शुरुआत से लेकर अब तक देश में कई लोगों ने इस योजना का फायदा उठाया है| इन आकड़ो से यह साफ़ है कि शुरुआत के बाद से ही स्टार्टअप योजना को तेजी से सफलता मिल रही है पूरा आकड़ा निचे दिया गया है|
स्टार्टअप इंडिया योजना का बढ़ता दायरा
- देश भर में अभी 14600 से ज्यादा स्टार्टअप है|
- 29 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों के 479 जिलों में स्टार्टअप कम कर रहा है|
- 2016 में 503 स्टार्टअप
- 2017 में 5373 स्टार्टअप
- 2018 में 8724 स्टार्टअप
स्टार्टअप इंडिया योजना की राज्यवार आंकड़े
- महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 2587 स्टार्टअप
- कर्नाटक में 1973 स्टार्टअप
- दिल्ली में 1833 स्टार्टअप
- उत्तर प्रदेश में 129 स्टार्टअप
- तेलंगाना में 748 स्टार्टअप
- गुजरात में 712 स्टार्टअप
- हरियाणा में 710 स्टार्टअप
- मिजोरम और सिक्किम में एक-एक स्टार्टअप
- 55% स्टार्टअप टीयर 1 शहरों में
- 27% स्टार्टअप टीयर 2 शहरों में ।
- 18% स्टार्टअप टियर 3 शहरों में
स्टार्टअप इंडिया योजना का क्षेत्रवार आंकड़े
- सबसे ज्यादा स्टार्टअप आईटी सेवाओं में ,आईटी सेवा में करीब 15% स्टार्टअप
- हेल्थकेयर और लाइफ साइंस में करीब 9% स्टार्टअप
- शिक्षा के क्षेत्र में 7% स्टार्टअप
- कृषि और फूड बेवरेज क्षेत्र में 4-4% स्टार्टअप
भारत में स्टार्टअप का बड़ा ही अनुकूल माहौल है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी क्षेत्रों पर व्यापक सकारात्मक असर डाल रहा है|
देश के युवाओं को आगे बढ़ाने और जमीनी स्तर पर उन्हें सुविधाएं जुटाने में सहायता करने के लिए सरकार ने जब स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की तो ये भारतीय युवाओं के लिए किसी सपने से कम नहीं था| जो वित्तीय दिक्कतों सुविधाओं और उचित मार्गदर्शन के अभाव में अपना कोई भी कारोबार शुरू नहीं कर पा रहे थे लेकिन स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत के बाद अब हालात बदल चुके हैं| आइए जानते हैं स्टार्टअप योजना के बारें मैं और सरकार के द्वारा इस योजना की शुरुवात करने के पीछे के कारणों को विस्तार मैं |
देश के युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया योजना अब युवाओं को स्वरोजगार से जुड़े बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है| दरअसल स्टार्ट अप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका मकसद देश में स्टार्टअप और नए विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करना है| जिस देश का आर्थिक विकास हो और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा पहली बार साल 2015 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कि इसके बाद 16 जनवरी 2016 को लागू कर दिया गया|
स्टार्ट अप इंडिया योजना देश के युवाओं को उद्योगपति और उद्यमी बनने का अवसर मुहैया कराता है| इसके तहत देश के बैंकों के जरिए युवाओं को धन प्रदान किया जाता है जिससे को ना केवल अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें बल्कि अधिक रोजगार सृजन भी कर सकें| इस योजना का उद्देश्य छोटे-बड़े कारोबार की योजना बनाने वाले उद्योगों की मदद करना है| इसमें ना सिर्फ लोन की सुविधा दी जाती है बल्कि उचित मार्गदर्शन के साथ-साथ व्यापार के लिए आसान पॉलिसी के बारे में भी बताया जाता है इतना ही नहीं योजना के तहत स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाती है|
स्टार्टअप इंडिया योजना क्या है?
- स्टार्टअप एक इकाई है जो 5 साल से पुरानी नहीं हो|
- जिसका पंजीकरण पांच साल से ज्यादा का नहीं हो।
- किसी भी वित्त वर्ष में टर्नओवर 25 करोड़ से ज्यादा का नहीं हो
- स्टार्टअप का कॉनसेप्ट बिलकुल नया होना चाहिए |
- मौजूदा प्रोडक्ट और सर्विस में बड़ा बदलाव ला रहा हो|
- अंतर मंत्रालयी बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त होना चाहिए|
स्टार्टअप इंडिया योजना के लिए सरकार का एक्शन प्लान क्या है?
- सरलीकरण और प्रारंभिक सहायता
- समर्थन और प्रोत्साहन अनुदान
- उद्योग-शैक्षिक जगत की भागीदारी और इनक्यूबेशन
स्टार्टअप इंडिया योजना के लिए सरकार की तरह से सहायता
- स्व-प्रमाणन पर आधारित अनुपालन व्यवस्था
- स्टार्टअप इंडिया हब
- मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल का रॉल आउट करना
- कानूनी सहायता और कम दर पर पर तेजी से पेटेंट परीक्षण
- सार्वजनिक खरीद के सरल मानदंड
- स्टार्टअप के लिए तुरंत निकासी
- स्टार्टअप के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था
- प्रति वर्ष 2500 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निधि
- 14 साल के लिए कुल 10 हजार करोड़ रुपये की निधि
- स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी
- कैपिटल गेन पर कर में छूट
- स्टार्टअप को तीन वर्ष के लिए टैक्स छूट
- उचित बाजार मूल्य पर निवेश में टैक्स छूट
स्टार्टअप इंडिया योजना उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो लोग अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं| इसके तहत कारोबार शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद की जाती है साथ ही उन्हें इस आर्थिक मदद के साथ-साथ टैक्स छूट भी मिलती है| सरकार स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत कई तरह के छूट देती है| अब सवाल यह है की आप स्टार्टअप इंडिया योजना का लाभ कैसे उठा सकते है|
स्टार्टअप इंडिया योजना का फ़ायदा क्या हैं?
- व्यवसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट
- संपत्ति बेचने पर 20 फीसदी की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स से छूट
- नए उद्यमों के लिए उदार पेटेंट की व्यवस्था
- पेटेंट पंजीकरण में उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80 फीसदी की छूट
- कारोबार छोड़ने का सरल विकल्प
- 90 दिन की अवधि में बंद किया जा सकता है स्टार्टअप
- छात्रों के लिए इनोवेशन कोर्स
- 15 लाख विद्यालयों में 10 लाख बच्चों पर फोकस
- सरकारी खरीद के मामले में भी मानदंड में कई तरह की छूट
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