इस पोस्ट में आप राज्य सभा कैलेंडर 2019 के साथ-साथ NCERT बुक में राज्य सभा को लेकर जो भी जानकारी दी गई है उसके बारे में पढेंगे| अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो कमेंट के जरिये हमे बतायें ताकि हम आपको इसी तरह एक कर्रेंट अफेयर्स टॉपिक को NCERT बुक की मदद से आपके साथ साँझा करें|
राज्य सभा क्या होता है ?
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार यानी 2 जनवरी को नए साल के लिए राज्यसभा कैलेंडर 2019 जारी किया| इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा के नेता सदन अरुण जेटली और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा समेत कई सांसद मौजूद रहे| इस मौके पर सभापति नायडू ने कहा कि कैलेंडर भारत के राजनीतिक इतिहास की याद दिलाता है जो 1952 से उच्च सदन और पिछले 66 सालों के राजनीतिक बदलावों को दर्शाता है उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा अवसर है क्योंकि राज्य सभा कैलेंडर 2019 के विमोचन के जरिए हम अपने देश के राजनीतिक इतिहास को याद कर रहे हैं|
सभापति ने कैलेंडर के महत्व को प्रकाशित करते हुए कहा कि हमसे से कितने लोगों को याद है कि राज्य सभा में विपक्ष का पहला नेता और सदन का पहला नेता कौन थे? उन्होंने जानकारी दी कि राज्यसभा में 1969 के पहले 17 साल तक विपक्ष के नेता नहीं थे| 1969 में कांग्रेस के श्याम नंदन मिश्र पहली बार राज्यसभा में नेता विपक्ष बने| पिछले 66 वर्षों में से 34 में विपक्ष का कोई नेता नहीं था| यह कैलेंडर ऐसी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालता है जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं है|
राज्य सभा कैलेंडर, 2019 जानकारियों का ख़जाना
- 17 साल तक राज्य सभा में नेता विपक्ष नहीं ।
- 66 सालों के सफर में 34 साल तक कोई नेता विपक्ष नहीं|
- पहली बार साल 1969 में राज्य सभा में नेता विपक्ष कांग्रेस-ओ के श्याम नंदन मिश्र नेता विपक्ष बने।
- 1977 में अधिनियम के जरिए नेता विपक्ष का कार्यालय बना|
- कैलेंडर में 65 सबसे महत्वपूर्ण नेताओं को जगह दी गई है जिसमे 13 सभापति, 12 उप सभापति जिनमें 3 महिलाएं शामिल , 26 नेता सदन और 14 नेता, विपक्ष के साथ सभी महासचिवों को भी जगह दिया गया है|
छह सभापति बाद में भारत के राष्ट्रपति बने
- डा. एस. राधाकृष्णन
- डा. जाकिर हुसैन,
- वी.वी.गिरि
- आर.वेंकटरामण
- डा. शंकर दयाल शर्मा
- के.आर.नारायणन
प्रणब मुखर्जी पहले नेता सदन थे जो राष्ट्रपति बने|
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल पहली उपसभापति थीं जो राष्ट्रपति बनीं।
लाल बहादुर शास्त्री पहले सदन के नेता जो प्रधानमंत्री बने।
लाल कृष्ण आडवाणी पहले गैर कांग्रेसी सदन के नेता|
मनमोहन सिंह सबसे ज्यादा समय तक नेता विपक्ष नेता विपक्ष के तौर पर 6 साल 2 महीना|
मनमोहन सिंह सबसे लंबे वक्त तक नेता सदन रहे ,नेता सदन के रूप में 10 साल का कार्यकाल|
तीन प्रधानमंत्री नेता सदन भी रहे।
- एचडी देवगौड़ा
- इंद्र कुमार गुजराल
- डा. मनमोहन सिंह
9 लोग नेता सदन और नेता विपक्ष दोनों रहे।
- कमलापति त्रिपाठी
- लाल कृष्ण आडवाणी
- पी. शिवशंकर
- एम.एस.गुरुपदस्वामी
- शंकरराव चव्हाण
- सिकंदर बख्त
- डा. मनमोहन सिंह
- जसवंत सिंह
- अरूण जेटली
सभापति ने कहा कि कैलेंडर में देश के संसदीय इतिहास से जुड़ी महान विभूतियों के विचारों को शामिल किया गया है| इसमें संसदीय कामकाज के महत्व का भी संदेश है, उन्होंने कहा कि 2019 का कैलेंडर उच्च सदन यानी राज्य सभा से लोगों की उम्मीदों और आशाओं का आईना है जैसा कि समय-समय पर सदन की अब तक की तेरह सभापतियों ने पदभार ग्रहण करते समय जाहिर किया था| कैलेंडर के हर पेज पर उच्च सदन के कामकाज का उल्लेख करते हुए प्रत्येक सभापति का एक उदाहरण है|
सभापति ने संसद के मौजूदा सत्र में कामकाज ना हो पाने को पीड़ा जनक बताया, सभापति ने सदन में गतिरोध पर चिंता जताते हुए कहा कि विभिन्न एजेंटों को राष्ट्रीय एजेंडे में परिवर्तित करने की हमारी असमर्थता से दुखी हैं| संसदीय एजेंडे के बिना कोई भी राष्ट्र मजबूत नहीं बन सकता है| सभापति का मानना है कि संसदीय संस्थानों को प्रतियोगी एजेंडे के लिए बंदी नहीं बनाया जा सकता है| सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि नए साल के साथ ही हमने समय की इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ लिया है उन्होंने सभी सांसदों से अपील की कि जिस तरह हमने अपने निजी जीवन और घरों में बदलाव लाने का संकल्प लिया है वैसे ही राज्यसभा से जुड़ी कार्यवाही में सकारात्मक बदलाव लाएं|
राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा के नेतृत्व में इस बार का कैलेंडर और खास बना है| पहली बार एक ही कैलेंडर में विभिन्न काल खंडों की सभी 65 सबसे महत्वपूर्ण नेताओं को जगह दी गई है| इसमें 1952 से अब तक के सभी 13 सभापति 12 उपसभापति 26 नेता सदन और 14 नेता विपक्ष के साथ सभी महासचिवो को जगह दी गई है| राज्यसभा का 2019 का कैलेंडर बीते सभी कैलेंडर को से अलग है यह कैलेंडर उच्च सदन के इतिहास के सबसे अहम काल खंडों को दर्शाने वाला एक विशिष्ट कैलेंडर बन गया है जो सबके लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक दोनों है|
राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा ने इस साल के कैलेंडर की खासियत को बताते हुए कहा कि इस बात का कैलेंडर इनोवेटिव थीम पर आधारित है| इसमें राज्यसभा की विभिन्न पड़ाव को तस्वीरों के जरिए बताया गया है| राज्य सभा के नेता सदन अरुण जेटली और नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि ऐसे पहल से लोगों को राज्यसभा की रोचक जानकारियां मिलेंगी|
राज्यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा के नेतृत्व में बनी इस साल के कैलेंडर में उच्च सदन के सफर को खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है| राज्यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा ने कैलेंडर की थीम और अन्य तथ्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बीते साल का कैलेंडर भारतीय संसद को संबोधित करने वाले वैश्विक नेताओं पर आधारित था तो इस बार एक नया प्रयास किया गया है| इसमें क्रम से राज्यसभा के सभापति ओं के बारे में बताया गया है कैलेंडर में सभापति के दृष्टिकोण से राज्यसभा और सांसदों की अपेक्षाओं को रेखांकित करने का प्रयास भी किया गया है| नेता सदन अरुण जेटली ने कैलेंडर की टीम की तारीफ की और कहा कि उच्च सदन के इतिहास के तमाम अहम काल खंडों को इसमें शामिल किया गया है| नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इसमें सदन की इतिहास का रोचक विवरण है केवल आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि हम सभी को इससे शिक्षित होने का मौका मिलेगा|
कैलेंडर जारी होने के मौके पर राज्यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा ने कैलेंडर को बनाने में सभापति एम वेंकैया नायडू और उपसभापति हरिवंश के मार्गदर्शन के लिए आभार जताया, साथ ही कैलेंडर को इस रुप में लाने में कड़ी मेहनत के लिए राज्य सभा सचिवालय के अधिकारियों की तारीख की|
राज्य सभा द्वारा जारी कैलेंडर कई मायनों में बेहद खास है यह ना केवल दशकों की राजनीतिक इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं बल्कि अनेक ऐसे महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी भी हमें देता है जो शायद आम आदमी जानता भी ना हो, बेहद रोचक और दिलचस्प कैलेंडर भारतीय राजनीतिक इतिहास का एक जीता जागता आईना है|
एक तरह से इस कैलेंडर जरिए भारत की राजनीतिक इतिहास को याद किया गया है| कैलेंडर में राज्य सभा के गठन के बाद से अब तक के अलग-अलग काल खंडों में राज्यसभा के उपसभापति नेता सदन नेता विपक्ष और महासचिव के बारे में लिखा गया है| कैलेंडर के हर पेज पर राज्य सभा के तत्कालीन सभापतियों की संसदीय प्रणाली और उच्च सदन के बारे में कह गए अहम वक्तव्य को भी लिखा गया है| सही मायने में कहा जाए तो राज्यसभा का साल 2019 का कैलेंडर पिछले 66 सालों में हुए राजनीतिक बदलाव को भी दर्शाता है|
राज्य सभा का कैलेंडर 2018
- दुनिया भर के 12 राजनेताओं की तस्वीर
- भारतीय संसद को 1955 से 2010 के बीच संबोधित किया
- 1955 में पूर्व सोवियत संघ के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष एन.एस. खुस्चेव का संबोधन
- 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का संबोधन
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