परेशान किसान, बदहाल जनता और लोगों पर सरकारी टैक्स का बोझ| 10 अप्रैल 1917 को महात्मा गांधी जब मुजफ्फरपुर पहुंचे तो उनके एजेंडा में यह तीन मुद्दे प्रमुख थे| चंपारण के लोग उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे| बदहाल जनता को एक मसीहा की जरूरत थी, जो उनके कष्ट हर ले| इधर गांधी अपने सत्याग्रह के अस्त्र को आजमाना चाहते थे यानी चंपारण को गांधी की जरूरत थी और गांधी को चंपारण जैसे हालात कि जहां से वह शोषण और हिंसा के खिलाफ अहिंसा की लड़ाई छेड़ सके|
15 अप्रैल 1917 को गांधी जी चंपारण पहुंचे यहां उन्होंने पाया कि गांव में गंदगी की कोई सीमा न थी| गलियों में कचरा आंखों के आसपास कीचड़ और बदबू आंगन इतने गंदे कि देखे न जा सके|
नील की खेती और किसान
• तिनकठिया व्यवस्था लागू
• एक बीघे में तीन कट्टे पर खेती अनिवार्य
• बुआई के लिए जमादार तय करते थे ज़मीन
• फ़सल की क़ीमत बहुत कम
• प्रति बीघा 19 रुपए निर्धारित, लेकिन भुगतान कम
• मुआवज़े की कोई व्यवस्था नहीं
नील किसानों का दर्द
• कर के ख़िलाफ़ किसान
• 1907 में ज़िलाधीश को अर्जी
• करों से राहत
• कारखानों के लिए एक आना कर से राहत
• किसानों से सिंचाई के पैसे वसूलने की शुरुआत
• 1914 में ये वसूली बंद
Previous Year Questions Related To Champaran Satyagraha
[WpProQuiz 175]
चम्पारण आन्दोलन से संबंधित प्रश्न
हाल के वर्षो में चंपारण आन्दोलन से संबंधित पूछे गये सवाल | उत्तर |
किसानों के उद्देश्य के लिए गाँधीजी का पहला सत्याग्रह कहाँ दिखाई दिया था ? | चम्पारण |
महात्मा गाँधी ने भारत में अपना प्रथम सत्याग्रह किस स्थान से शुरू किया ? | चम्पारण |
गाँधीजी ने भारत में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को कहाँ से प्रारंभ किया था ? | चम्पारण (बिहार) |
चम्पारण से आरम्भ हुआ प्रथम सत्याग्रह किस फसल की खेती के विरूद्ध किया गया था ? | नील |
और भी प्रीवियस इयर सवाल जल्द ही ऐड किये जायेंगे -आप Gkpadho Android App Download कर ले किसी भी अपडेट को पाने के लिए |
Leave a Reply