15 अगस्त 1947 को आजाद होने के बाद से भारत में विकास का एक लंबा सफर तय किया है| विदेशी शासन के दौरान भारत गरीबी, अशिक्षा, आर्थिक विषमता और अकाल और सांप्रदायिक हिंसा से जूझता रहा| अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद भारत को एक बिखरे अर्थव्यवस्था, व्यापक अशिक्षा और गरीबी का सामना करना पड़ा और जब देश आजाद हुआ तो सबसे बड़ी चुनौती एक आत्म निर्भर और विकसित राष्ट्र के निर्माण की थी| निति निर्माताओं की दूरदर्शिता और प्रतिबधता ने देश के विकास के सफर को सच करके दिखाया है|
आजादी के बाद भारत का आर्थिक विकास
आजादी के बाद भारत को जो समस्याएं विरासत में मिली थी, उन से पार पाना कोई आसान काम नहीं था| आजादी के बाद भारत में वह सभी समस्याएं मौजूद थे, जिनके आधार पर किसी भी राष्ट्र को अविकसित राष्ट्र का दर्जा आसानी से दिया जा सकता है|
औद्योगीकरण ना के बराबर था, प्रति व्यक्ति आय ₹250 सालाना से कम थी, आर्थिक विकास की गति अत्यंत धीमी थी, लगभग 80 फ़ीसदी लोग गांव में रहते थे और 70 फ़ीसदी के आस पास लोग कृषि पर निर्भर थे| इस तरह अंग्रेजों में भारत के हर क्षेत्र का शोषण किया और जब गये तो एक अविकसित भारत छोड़कर|
आजादी के बाद देश को विकास की पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती थी इसके लिए नीति-नियंताओं ने काफी सोच विचार क,र मिश्रित अर्थव्यवस्था के साथ विकास के रास्ते पर चलने का चुनाव किय| भारत के सामने केवल अर्थव्यवस्था के विकास का मुद्दा नहीं था बल्कि भारतीय समाज में व्याप्त सामाजिक असमानता को खत्म नहीं करना थ|
विकास की नई कहानी लिखने के लिए सबसे पहले 15 मार्च 1950 को योजना आयोग की स्थापना की ग|ई आजादी के बाद से ही देश के विकास में योजना आयोग का महत्वपूर्ण योगदान रह है| परिस्थितियों और प्राथमिकताओं के आधार पर अलग-अलग योजनाओं के लक्षण भले ही अलग अलग रहे लेकिन सब का उद्देश्य एक था और वहथा देश का आर्थिक विका|स
1948 में ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संसद में औद्योगिक नीति का प्रस्ताव रखा था भारत के लिए मिश्रित अर्थव्यवस्था की संकल्पना की नीति पहली बार इसी में की ग|ई 1948 की औद्योगिक नीति को 1952 में लागू किया गया इस नीति के तहत ही राउरकेला,दुर्गापुर भिलाई और बोकारो में इस्पात संयंत्रों की स्थापना की गई|
विकास के अगले चरण मे 1956 में दूसरी औद्योगिक नीति अपनाई ग,ई इसके तहत लघु और कुटीर उद्योगों का विकास के साथ ही बड़े पैमाने पर उत्पादन और छोटे उद्योगों के समन्वय पर जोर दिया गया| औद्योगिक नीतियों को लागू करने से ना केवल उद्योगों और उपकरणों में सुधार हुआ बल्कि विदेशी पूंजी निवेश भारत में आने शुरू हो गया|
इसके परिणाम स्वरुप भारत में औद्योगिकीकरण केविकाश को एक नई गति मिली आर्थिक विकास की इस कहानी की एक मजबूत कड़ी है बैंकों का राष्ट्रीयकरण आजादी से पहले बैंकों की पूंजी का पूरा लाभ पूंजीपती,साहूकार और जमीदार उठाते थे| आजादी के बाद भी बैंकों की भूमिका आम आदमी के लिए नहीं था|
इसे देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया| इसका परिणाम यह हुआ कि देश में आर्थिक आजादी का एक नया दौर शुरू हु|आ समाज के सभी वर्गों को अपना काम धंधा शुरू करने के लिए बैंकों से लोन मिलना आसान हो गया बैंकों की नई कामकाज के तरीके से साधारण जनता को आर्थिक उन्नति के लिए नए अवसर मिले|
बैंकों की भूमिका को देखते हुए अप्रैल 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया| आजादी के बाद 1950- 51 में शुरु किए गए आयोजना यानी प्लानिंग की प्रक्रिया को दो हिस्सों में देखा जा सकता है 1950- 51 से 1990- 91 के बीच 40 साल और 199-91 के बाद बाकि का साल| शुरू के 40 वर्षों की नीतियां मूल रूप से महालनोबिस मॉडल पर आधारित है जिसमें भारी और आधारभूत उद्योगों की स्थापना के साथ ही समाजवादी ढांचे के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर था
दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए हमें विकास की रफ्तार को तेजी से बढ़ाना था लेकिन लाइसेंस राज और बंद अर्थव्यवस्था के चलते हम इस रफ्तार को नहीं छु पा रहे थे| इसके लिए 1991 मेंनए आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई जिसमें व्यवस्था संबंधी अनेकनियंत्रणों को दूर करना लाइसेंस को खत्म करना विदेशी और निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया गया| इसके तहत आर्थिक सुधारों के लि प्राइवेटाइजेश,न ग्लोबलाइजेशन को अपनाया गया|
इन सभी प्रयासों का असर ही है कि आज भारत दुनिया के देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है विश्व बैंक की ओर से हाल ही में 2017 के लिए जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है पिछले एक दशक में भारत ने अपनी जीडीपी में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की है 2017 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2590 अर डॉलर था| भारत जल्द ही ब्रिटेन को भी पीछे छोड देगा ऐसा अनुमान है|
आजादी के बाद भारत की कृषि
आजादी के बाद देश के सामने एक बड़ी समस्या थी कृषि पर आत्मनिर्भरता , खेती की हालत ठीक नहीं थी ऐसे में हमारे सामने भुखमरी जैसी स्थिति थी| लेकिन किसानों कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत और हरित क्रांति की बदौलत खाद्यान्न के मामले में ह न सिर्फ आत्मनिर्भर हुए हैं बल्कि आज हम खाद्यान्न का निर्यात भी करने लग है|
आजादी से पहले अंग्रेजी राज में भारत में अकाल से लाखों लोग मरते थे 160 के बाद 25 बड़ अकालो में तमिलनाडु , बिहार, उड़ीसा और बंगाल में दो करोड़ लोग मारे गए| 1935 में अकेले बंगाल में अकालके कारण 3 लाख लोग भूख से मरे| हम अनाज के मामलों में विदेशों पर निर्भर थे और हमें अमेरिका , चीन और रूस से अनाज मांगना पड़ता था|
इसी नाते पहली योजना में ही खेती-बाड़ी को प्राथमिकता मिली , खेतों की चकबंदी और भूमि सुधार के साथ भाखड़ा नांगल, दामोदर घाटी, हीराकुंड, नागार्जुन सागर और गांधी सागर जैसे बांध ने उन्नत खेती के लिए आधार बनाया| 17 नवंबर 1960 को देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में खुला| पंडित नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने” जय जवान जय किसान” का नारा देते हुए नई पहल की|
लेकिन बड़ा साहसिक फैसला तत्कालीन कृषि मंत्रीसी सुब्रमण्यम ने 1965 में 18000 टन उन्नतगेहू बिज आयत कर के लिया, तब अमेरिका से पी एल 480 के तहत जो गेहूं मिला उसकी शर्तें इतनी अपमानजनक थी इंदिरा गांधी तिलमिलागई| 9 अप्रैल 1966 को मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में उन्होंने कहा कि हम कुछ सालों में अनाज में आत्मनिर्भरता हासिल नहीं कर लेते तो हमें महान देश तो दूर स्वतंत्र कहलाने का हक भी नहीं ह| उसके बाद किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत और हरित क्रांति ने कृषि क्षेत्र की तस्वीरबदल दी|
गेहूं उत्पादन
- 1965-66 में कुल अनाज उत्पादन में गेहूं का योगदान 16.6 फीसदी थी|
- 1984-85 तक कुल अनाज उत्पादन में गेहूं का योगदान 32.7 फीसदी थी|
अनाज उत्पादन
- 1960-61 में 82 मिलियन टन|
- 2017-18 में 279.51 मिलियन टन|
- 1960-61 में धान का उत्पादन 34 मिलियन टन|
- 2017-18 में धान का उत्पादन 112 मिलियन टन|
- 1960-61 में गेहूं का उत्पादन 11 मिलियन टन|
- 2017-18 में गेहूं का उत्पादन 98.61 मिलियन टन।
- 1960-61 में चावल उत्पादन एक हजार किग्रा प्रति हेक्टेयर|
- 2017-18 में चावल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 2,500 किग्रा से ज्यादा|
आजादी के बाद भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम
21 नवंबर 1963 को थुम्बा में पहला रॉकेट लॉन्च करने के साथ ही शिशु के पहले कदम की तरह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत हुई| इसके बाद से भारत ने अपने अंतरिक्ष के सफर में कई मील के पत्थर पार कर लिए हैं| आज हमारा देश अपने लिए और दूसरे देशों के लिए उपग्रहों का निर्माण करने के साथ ही उनका प्रक्षेपण भी कर रहा है| हमने मंगल ग्रह तक पहुंचने में भी कामयाबी हासिल की है|
हमारे देश में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की शुरुआत 1960 के दौरान हुई| भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई ने देश के सक्षम और उत्कृष्ट वैज्ञानिकों , मानव वैज्ञानिकों विचारकों और समाज विज्ञानियों को मिलाकर भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए एक दल गठित किया और यहीं से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का सफर शुरू हो गया|
भारत ने केरल में मछुआरों के अंजाम से गांव तुंबा में 21 नवंबर 1963 को अपना पहला सौन्डिंग रॉकेट लॉन्च किया| रॉकेट को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए एक साइकिल का इस्तेमाल किया गया था|
1969 में भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की नींव रखी गई| 1972 में अंतरिक्ष आयोग और अंतरिक्ष विभाग का गठन किया गया जिसने अंतरिक्ष की शोध गतिविधियों में दम भर दिया| भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में 70 का दशक प्रयोगात्मक योग साबित हुआ| इस दौरान आर्यभट्ट. भास्कर. रोहिणी और एप्पल जैसे प्रयोगात्मक उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए|
अंतरिक्ष में भारत
- अंतरिक्ष में 19 अप्रैल 1975 को भारत का पहला बड़ा कदम था|
- देश का पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ लॉन्च किया|
- प्रायोगिक उपग्रह का वजन 360 किलोग्राम था|
- 10 अगस्त, 1979 को एसएलवी-3 लॉन्चर का प्रयोगात्मक परीक्षण किया गया|
- 18 जुलाई 1980 को एसएलवी-3 से रोहिणी RS-1 सैटेलाइट लॉन्च किया गया|
- 30 अगस्त 1983 को इनसैट-1-बी उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया|
- इनसैट उपग्रहों की सीरीज़ की शुरुआत हो गई|
- 1984 तक इनसैट तकनीक से दूरसंचार, टेलीविजन जैसी सुविधाएँ जुड़ी थी|
- 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे|
- 17 मार्च 1988 को सैटेलाइट IRS-1A लॉन्च किया गया|
- 10 जुलाई 1992 को INSAT-2A को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया|
- 23 जुलाई 1993 को INSAT-2B का सफल प्रक्षेपण किया गया|
- 29 सितंबर 1997 को पहली बार पीएसएलवी यान लॉन्च किया गया|
- 12 सितंबर 2002 को कल्पना-1 सैटेलाइट लॉन्च किया गया|
- 20 सितंबर 2004 को एडुसैट जीसैट-3 का प्रक्षेपण किया गया|
- 22 दिसंबर 2005 को इनसैट 4ए उपग्रह लॉन्च किया गया|
- 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 कासफल प्रक्षेपण किया गया|
- इसरो के ऐतिहासिक चंद्र मिशन की शुरुआत किया गया|
- PSLV-C11 के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था|
- एक जुलाई 2013 को नेविगेशन उपग्रह IRNSS-1A प्रक्षेपित किया गया|
- स्वदेशी जीपीएस सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम था|
- 15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च किया गया|
- अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में नयाअध्याय जुड़ा|
- कार्टोसैट श्रृंखला का कार्टोसैट-2 उपग्रह भी शामिल हुआ|
- छह अलग-अलग देशों के पेलोड लेकर रवाना हुआ|
- भारत छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण की सुविधा देने वाला देश बन गया|
- पांच जून 2017 को सबसे भारी रॉकेट GSLVMK3 लॉन्च किया गया|
- रॉकेट 3,136 किलो वजन का कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-19 लेकर गया।
- विदेशी प्रक्षेपकों पर निर्भरता खत्म होगया|
- अंतरिक्ष तकनीक में दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल होगया|
- 29 जून 2017 को अब तक का सबसे भारी उपग्रह जीसैट-17 लॉन्च किया गया|
- इसका वजन 3477 किलोग्राम था|
- 12 जनवरी 2018 को 31 सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया गया|।
- भारत के तीन और 6 अन्य देशों के 28 सैटेलाइट शामिल होगया|
- इसरो के सैटेलाइट भेजने का शतक पूरा हो गया|
- भारत ने अब तक 28 देशों के 237 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण कर चूका है|
आजादी के बाद भारत का रक्षा क्षेत्र
आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में भी भारत ने काफी विकास किया| रक्षा उत्पादन के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भरता को कम करने की दिशा में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है| मेक इन इंडिया के तहत सरकार भी रक्षा उत्पादकों के देश में ही निर्माण पर जोर दे रही है| मिसाइल तकनीक के मामले में भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में भी शामिल हो गया है|
भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है| भारत में 13 लाख 90 हजार सक्रिय सैनिक है| 2018 का रक्षा बजट 404365 करोड रुपए है| यह सकल घरेलू उत्पाद का 1.49 प्रतिशत है| आजादी के बाद से देश के जांबाज सैनिकों ने 5 लड़ाइयां लड़ी है| भारतीय रक्षा उद्योग 200 साल से भी अधिक समय का गौरवमई इतिहास अपने आप में समेटे हुए हैं|
ब्रिटिश काल के दौरान बंदूके और गोला-बारूद तैयार करने के लिए आयुध कारखानों की स्थापना की गई थी| पहले आयुध कारखाने की स्थापना 1801 में काशीपुर में की गई थी| आजादी से पहले कुल मिलाकर 18 कारखानों की स्थापना की गई थी| वर्तमान में देश में 41 आयुध कारखानों 9 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है इसके अलावा 200 से अधिक निजी क्षेत्र लाइसेंसधारक कंपनियों के साथ ही कुछ हजार छोटे मझोले और सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं| रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ की 50 से अधिक रक्षा प्रयोगशाला भी देश में रक्षा विनिर्माण की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही है|
मिसाइल तकनीक
- जुलाई 1983 में मिसाइल तकनीक की दिशा में बड़ा फैसला हुआ|
- समन्वित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत किया गया|
- सबसे पहले पृथ्वी मिसाइल का विकास हुआ|
- पृथ्वी कम दूरी की जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल विकास किया गया|
- पृथ्वी से शुरू हुआ भरत का नया सफर|
- पृथ्वी-III की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है|
- दूसरी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली ‘अग्नि मिसाइल की श्रृंखला|
- अग्नि से शुरू हुआ सफर अग्नि V तक पहुंच गया है।
- पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 है|
- अग्नि-5 का पहली बार परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया|
- अग्नि-5 की मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा है|
Previous Year Questions Related To Bharat India-
प्रीवियस इयर प्रश्नों का संग्रह
भारत से संबंधित प्रश्नों का संग्रह जो हाल के वर्षो में पूछे गये है | उत्तर |
भारत में सबसे व्यापक रूप से पाई जाने वाली मृदा (मिट्टी) कौन है ? | जलोढ़ मिट्टी |
भारत के संविधान की प्रस्तावना में प्रतिष्ठापित स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के आदर्शों की प्रेरणा कहाँ से मिली थी ? | फ्रांस की क्रांति |
भारत में प्रथम स्वर्ण मुद्राएँ किसने चलाई ? | यूनानी |
मुख्यतः किस युद्ध से भारत में मुगल राज्य की नींव पड़ी ? | पानीपत का प्रथम युद्ध |
कांग्रेस ने ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ का प्रस्ताव किस वर्ष पारित किया ? | 1942 ई० में |
भारत में सबसे शुष्क क्षेत्र कौन – सा है ? | मारवाड़ |
भारत की किस जनजाति के नाम पर प्राचीन भूवैज्ञानिक इतिहास के महाद्वीप का नाम रखा गया है ? | गोंड |
भारत में तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर कौन – सा राज्य है ? | आन्ध्र प्रदेश |
भारत में निर्मित कौन- सा मध्यवर्ती परास परमाणु क्षमता योग्य प्रक्षेपास्त्र है ? | अग्निं |
भारत के राज्यों में से प्रति वर्ग किलोमीटर अधिकतम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य कौन है ? | बिहार |
भारत के किस राज्य में खारे जल की सबसे बड़ी झील है ? | ओडिशा |
भारत किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ? | अभ्रक |
भारत में कौन सी खाद्य फसल, अक्टूबर नवम्बर में बोई जाती है तथा अप्रैल में काटी जाती है ? | गेहूँ। |
भारत में किस प्रकार की वाणिज्यीय बैंकिंग व्यवस्था है ? | मिश्रित बैंकिंग |
‘भारत कोकिला’ किसे कहा जाता है ? | सरोजिनी नायडू को |
हर्षवर्धन के समय में कौन सा चीनी तीर्थयात्री भारत आया था ? | हेनसांग |
किस राज्य में भारत के कुल रेशमी कपड़े का 50% उत्पादन होता है ? | कर्नाटक |
भारत में बैंकों का पहली बार राष्ट्रीयकरण कब हुआ था ? | 1969 ई० में |
भारत में ईष्ट इण्डिया कपनी का पहला गवर्नर जनरल कौन था ? | वारेन हेस्टिंग्स |
भारत में, धारीवाल और लुधियाना के नगर किसके लिए सुविख्यात हैं ? | ऊनी वस्त्र, |
पाराद्वीप बन्दरगाह भारत के किस भाग में स्थित है ? | पूर्वी तट पर |
भारत की वित्तीय राजधानी कहाँ है ? | मुम्बई । |
भारत ने पंचवर्षीय योजनाएँ कहाँ से ग्रहण की ? | भूतपूर्व सोवियत सामाजवादी गणतंत्र संघ से |
किसको सामान्य बोलचाल की भाषा में ‘भारत का प्रक्षेपणास्त्र पुरुष (मिसाइल मैन)’ कहा जाता है ? | डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम |
भारत और श्रीलंका को कौन अलग करता है ? | पाक जलडमरूमध्य |
रैडक्लिफ रेखा किन दो देशों के बीच का अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा है ? | भारत और पाकिस्तान |
भारत में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं ? | मध्य प्रदेश में |
भारत का वह सबसे बड़ा बन्दरगाह कौन सा है, जो कुल यातायात के पांचवें भाग को सम्भालता है ? | मुम्बई |
भारत का सबसे बड़ा कृषि प्रायोगिक फर्म कहाँ स्थित है ? | अम्बाला में |
भारत में प्रति वर्ष ‘सेना – दिवस’ कब मनाया जाता है ? | 15 जनवरी को |
किस नगर को भारत के प्रथम ”टेकनो – पार्क’‘ का गौरव प्राप्त है ? | गुड़गाँव |
भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ (Silicon valley) किस शहर में है ? | बंगलौर |
भारत के किस राज्य में प्याज का उत्पादन सबसे अधिक होता है ? | महाराष्ट्र |
अलबरुनी भारत में किसके साथ आया था ? | महमूद गजनी |
वह भारत रत्न पुरस्कार विजेता कौन है, जिसने 15 अगस्त 1947 को लाल किले में आयोजित ऐतिहासिक समारोह में प्रदर्शन किया था ? | लता मंगेशकर |
भारत में सबसे पहली रेलगाड़ी कब चलाई गई ? | 1853 ई० में । |
भारत में विद्युत् आपूर्ति सबसे पहले कहाँ शुरू हुई थी ? | दार्जिलिंग में |
भारत में प्रथम सूती कपड़े का कारखाना कहाँ स्थापित हुआ था ? | बम्बई में |
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