एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है| मोदी जी ने देश को आगे ले जाने की कोशिश की है तो दूसरी तरफ संगठन स्तर पर भी वह अपनी पार्टी यानि बीजेपी को लगातार आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं| उनके चेहरे के दम पर ही बीजेपी केंद्र के अलावा राज्यों की 70 फ़ीसदी आबादी का शासन देख रही है|
नरेंद्र मोदी ने जब से प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है उन्होंने हर मोर्चे पर यह साबित किया है कि वह पार्टी के लिए राजनीतिक कुशलता के केंद्र बिंदु हैं पीएमओ संभालने के बाद से ही वह देश के साथ-साथ संगठन से तालमेल बैठा कर पार्टी को भी अपने कुशल नेतृत्व से संभाले हुए हैं|एक के बाद एक राज्य जीतकर पार्टी को अखिल भारतीय स्तर पर मजबूती से उभरना उनके 4 साल की सांगठनिक नेतृत्व की महत्वपूर्ण उपलब्धि है| प्रधानमंत्री मोदी ही थे, जिनके चेहरे पर 2014 में जनता ने पार्टी पर इतना भरोसा जताया,जितना बीते करीब 3 दशकों में नहीं आया था|
4 सालों में जितने भी राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए उनमें से ज्यादातर में राजनीतिक पंडितों ने मोदी सेक्टर का लोहा माना है| चाहे हरियाणा में 4 से 47 सीटों पर पहुंचाने का करिश्मा हो या महाराष्ट्र में 123 जीतना, प्रदेश का प्रचंड बहुमत हो या उत्तराखंड में मिला ऐतिहासिक बहुमत, इसी तरह झारखंड और जम्मू कश्मीर हो या असम, त्रिपुरा, नागालैंड समेत तमाम राज्यों में बीजेपी या अकेले दम पर या फिर सहयोगियों के साथ लोगों का दिल जीतने में कामयाब रही है|
जानकर इसके पीछे नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत करिश्मा को ही जिम्मेदार मानते हैं| आलम यह है कि बीते 4 सालों में कांग्रेस के पास उत्तर भारत पंजाब दक्षिण भारत में कर्नाटक और पुदुचेरी और उत्तरपूर्व में मिज़ोरम के रूप में कुल 4 राज्य हैं, जबकि बीजेपी 21 राज्यों में अकेले या गठबंधन के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई है|
हाल ही में हुए गुजरात विधान सभा के चुनाव शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और नेतृत्व क्षमता की सबसे बड़ी परीक्षार्थी रहीं है| नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में 22 वर्षों से BJP सत्ता पर काबिज थी| मीडिया में आई सत्ता विरोधी लहर की खबरों और विपक्षी दलों के आक्रामक प्रचार अभियान से गुजरात की राह बीजेपी के लिए बेहद मुश्किल लग रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने प्रचार मैदान में उतर कर ना सिर्फ बीजेपी को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की बल्कि उनके चेहरे पर जनता के भरोसे ने मोहर लगाई|
नई तकनीक का इस्तेमाल हो या लोगों से संवाद के नए-नए तरीके, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संप्रेषण की हर कला में ना सिर्फ माहिर है बल्कि लोगों तक अपनी बात बखूबी रखने वाले जबरदस्त वक्ता भी हैं| सोशल मीडिया का इस्तेमाल, इंटरनेट के जरिए रैली या रेडियो बीते 4 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार और संगठन के स्तर पर जनता से संवाद का एक ऐसा सिलसिला कायम किया है जो अभूतपूर्व है|
नरेन्द्र मोदी जी की विदेश नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क नेताओं को न्योता देकर साफ संकेत दे दिए थे कि उनकी विदेश नीति क्या होगी| इसमें संदेह नहीं कि दुनिया राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रही है| सभी देश अपनी घरेलू और विदेश नीति के जरिए इस बदलाव के साथ तालमेल मिलाने की कोशिश में है|
अपने अब तक के कार्यकाल में नरेंद्र मोदी ने पूरी क्षमता के साथ उन देशों के उन देशो के साथ रिश्ते मजबूत बनाने के सार्थक प्रयास किए हैं, जिनकी अतीत में अनदेखी होती रही है| ऐसे कुछ देशों का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने| प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ना केवल विदेशों से भारत के संबंध मजबूत किए बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का रुतबा भी बढ़ा है|
प्रधान मंत्री मोदी की व्यापारिक सोच ने उभरती भारतीय वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की साख को पूरी दुनिया में बढ़ाने का काम किया है| बीते 4 सालों की हम बात करें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पड़ोसी देशों दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और पश्चिमी एशियाई देशों पर खास तौर से ध्यान केंद्रित किया है| इन क्षेत्रों में भारत के महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक हित जुड़े हुए हैं| इसी साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर आसियान के सभी 10 देशों के शासनाध्यक्ष कि दिल्ली में मौजूदगी प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट नीति की सफलता को दर्शाता है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पश्चिम एशियाई देशों सऊदी अरब, सऊदी अरब अमीरात ,ईरान, इजरायल और फिलिस्तीन से भारत के संबंध और बेहतर हुए हैं| यह भारत की विदेश नीति की सफलता है| इसके साथ ही अफ्रीका और दक्षिण प्रशांत के देशों के साथ भारत के रिश्ते को एक नया आयाम देने में भी प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|
इंडिया -अफ्रीका सम्मेलन के दौरान सभी अफ्रीकी देशों की भारत में मौजूदगी यह बताता है कि भारत के साथ अपने संबंधों में 50 और 60 के दशक वाली गर्मजोशी वापस चाहते हैं| दुनिया के देशों से मजबूत रिश्ते बनाने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की महत्वपूर्ण नेताओं के साथ निजी रिश्ते बनाने में सफल हुए है, चाहे वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन याअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ काफी मजबूत किया है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक चीन के साथ भारत की विदेश नीति को साफ करते हुए, सभी संभावित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम किया है उन्होंने आपसे असहमतियों को विवादों की शक्ल भी नहीं लेने दिया, प्रधानमंत्री ने चीन के साथ डोकलाम विवाद को काफी कुशलता से हल किया है|
भारत की हमेशा से यह कोशिश रही है कि भारत चीन सीमा पर शांति बनी रहे, लेकिन चीन उलझे हुए मुद्दों को जल्दी सुलझाना नहीं चाहता है| भारत के पड़ोसी देशों में चीन के दखलंदाजी को देखते हुए ही भारत ने जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ अपने रिश्ते को नया रूप देकर इसे संतुलित करने का प्रयास किया है|
दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के लिए भारत ने ब्रिटेन के उम्मीदवार को मात दी| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शालीनता के साथ भी समय पर कठोर निर्णय लेने से भी नहीं चूके| भारत के तमाम प्रयासों के बावजूद जब पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया, तो उन्होंने इसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देकर पाकिस्तान से संवाद बंद कर दिया| प्रधानमंत्री ने बीते 4 सालों में ना केवल विदेशों से संबंधों को मजबूत किया और उसे नई दिशा दी है बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भी देश से जोड़ने में सफल रहे हैं|
मोदी जी की जीवनी
देश के 15वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय शख्सियतों में से एक हैं| लेकिन एक मामूली सा चाय बेचने वाला बालक इतने बड़े मुकाम तक कैसे पहुंच गया,यह सब के लिए कोतवाल और चर्चा का विषय रहता है| आइए जानते हैं नरेंद्र मोदी के जीवन सफर के बारे में और जानने की कोशिश करते हैं या फिर नरेंद्र मोदी ने यह सफर किन हालातों में किन संघर्षों के साथ है|
17 सितंबर 1950 को जन्मे नरेंद्र मोदी, पिता दामोदर दास मोदी और माता हीरा देवी की 6 संतानों में से तीसरी संतान है| उनका जन्म उत्तरी गुजरात के मेहसाणा जिले के छोटे से कस्बे वडनगर में हुआ| वडनगर एक ऐतिहासिक शहर है जो कभी अध्ययन और आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र था| कहा जाता है कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने वडनगर का दौरा किया था|
वडनगर का एक समृद्ध बोद्ध इतिहास रहा है, शताब्दियों पूर्व 10000 से ज्यादा बौद्ध भिक्षुओं ने इस भूमि को अपना निवास स्थान बनाया था| नरेंद्र मोदी के जीवन का शुरुआती दौर इसी वडनगर में गुजरा है|
मोदी जी का परिवार समाज के काफी कमजोर तबके से था, दो वक्त का भोजन जुटाने के लिए भी परिवार को संघर्ष करना पड़ता था| उनके पिता स्थानीय रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर चाय बेचते थे| बचपन के वर्षों में नरेंद्र मोदी भी चाय की दुकान पर अपने पिता का हाथ बटाते थे| संघर्ष के इन दिनों का नरेंद्र मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा, बड़ी मुश्किल से नरेंद्र मोदी ने अपनी पढ़ाई, जीवन के संघर्षों और पिता की चाय स्टाल में मदद की जिम्मेदारी के बीच संतुलन स्थापित किया| मोदी जी के सहपाठी नरेंद्र मोदी को एक मेधावी छात्र के तौर पर याद करते हैं|
- 1967 में नरेंद्र मोदी की हाई सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी हुई|
- अध्यापक उन्हें उन्हें एक औसत छात्र बताया, लेकिन प्रतिभाशाली तर्कशील वक्ता भी कहा है|
- वह अहमदाबाद चले गए और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए हैं| उन्होंने स्नातक की परीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में 1978 में
- 1983 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर किया|
- 1975 के आपातकाल के दौरान उन्हें भूमिगत होना पड़ा था, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी कुशाग्र बुद्धि से सरकार विरोधी पर्चे छापना और उन्हें बटना जड़ी रखा|
- नरेंद्र मोदी 1987 में बीजेपी से जुड़े, 1987 में अहमदाबाद के स्थानीय चुनाव के लिए प्रचार करना उनकी पहली जिमेदारी थी|
- चुनाव में BJP की जीत हु, मोदी जी के नेतृत्व को देखते हुए गुजरात 1990 में गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने वाले मुख्य टीम का हिस्सा बनाने थे| इन चुनावों ने एक दसक पुराने कांग्रेस शासन का अंत कर दिया|
- राज्य में कांग्रेस ने 1980 में 141 और 1985 में 149 सीटें जीती थी| लेकिन 1990 में कांग्रेस का आंकड़ा घटकर 33 सीटों पर आ गया था| बीजेपी को 67 सीटों पर सफलता मिली और पार्टी चिमन भाई पटेल के साथ गठबंधन सरकार में शामिल हो गई| हालांकि यह गठबंधन कुछ समय ही चल सका था लेकिन गुजरात में बीजेपी एक बड़ी शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आई थी|
- नरेंद्र मोदी 1995 के विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में सक्रिय रुप से शामिल थे| इस बार BJP ने पहली बार सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था और नतीजे ऐतिहासिक रहे पार्टी को 121 सीटों पर जीत मिली और बीजेपी ने सरकार बना दी|
- साल 1996 में नरेंद्र मोदी BJP के राष्ट्रीय सचिव के रूप में दिल्ली आए और उन्हें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण उत्तर भारतीय राज्यों का प्रभार सौंपा गया था|
- साल 1998 में बीजेपी ने अपने बल पर हिमाचल में सरकार का गठन किय| इसके साथ ही 1996 में हरियाणा 1997 में पंजाब और जम्मू कश्मीर में भी गठबंधन सरकार बनाई| दिल्ली में मिले उत्तर दायित्व को निभाने के कौशल कला से हर कोई भोच्का था| नरेंद्र मोदी को सरदार प्रकाश सिंह बादल, बंसीलाल और फारुख अब्दुल्ला जैसे नेताओं के साथ काम करने का मौका मिला| इस दौरान नरेंद्र मोदी को संगठन की भूमिका सौंपी गई|1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी और अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में BJP ने केंद्र में सरकार बनाई|
- इस बीच उनकी नेतृत्व क्षमता का सबसे बड़ा इनाम उन्हें साल 2001 में उस वक़्त मिला है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने उन्हें गुजरात की कमान संभालने का न्योता दिया था| शुरुआत में नरेंद्र मोदी इस ऑफर से असहज थे, क्योंकि वह एक लंबे वक्त से गुजरात से बाहर थे| लेकिन होता अटल बिहारी वाजपेई से मिले सम्मान को ठुकरा न सके और 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली| मोदी जी राज्य की सबसे ज्यादा समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 2001 से 2014 के बीच लगातार चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जो की एक रिकॉर्ड है|
- इसी दौरान सितंबर 2013 में बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक में नरेंद्र मोदी को 2014 के चुनाव के लिए BJP की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया और उनके नेतृत्व में हुए चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई|
मोदी जी की उपलब्धियां प्रधानमंत्री बनाने के बाद
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक कई लोकप्रिय योजनाओं की शुरुआत की है| इन योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ भारत की जनता को मिल रहा है| प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुद्रा योजना, जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन, स्टार्टअप, प्रधानमंत्री कौशल विकास जैसी तमाम योजनाएं हैं|
प्रधानमंत्री का पद संभालते ही नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया अभियान लॉन्च किए| इन योजनाओं को लागू करने का उद्देश्य था भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में बदलना| मेक इन इंडिया का मकसद था निवेश की सुविधा को सरल बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचे में विकास करना, देश में व्यापार को आसान बनाना और कौशल विकास को बढ़ावा देना| जबकि डिजिटल इंडिया का मकसद देश को तकनीकी रूप से सशक्त समाज और मजबूत अर्थव्यवस्था में बदलना है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मकसद देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है जहां हर कोई बदलती तकनीक से परिचित हो और सभी जानकारियां डिजिटल रूप से सबके लिए उपलब्ध हो| नरेंद्र मोदी ने उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया है, सरकार छोटे उद्योगों को क्षमताओं के अनुसार विस्तार करने के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराया है|
मोदी जी द्वारा लॉन्च की गई योजना और उनकी उपलब्धियां
अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री ने देश के सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रव्यापी वित्तीय समावेशन मिशन के तहत प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की,पिछले चार साल में इस योजना के तहत 30 करोड़ से ज्यादा नहीं बैंक खाते खोले गए हैं| यह दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों में से एक है|
नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में मुद्रा बैंक योजना की शुरुआत की, इस योजना का उद्देश्य युवा शिक्षित और प्रशिक्षित उद्यमियों को मदद देकर मुख्यधारा में लाना है| इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50000 से 1000000 रुपए तक का कर्ज़ दिया जाता है| इसके अलावा किसानों के कल्याण के लिए,नरेंद्र मोदी सरकार ने कई योजनाएं लागू की है जिनका मकसद कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करना और किसानों की आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है| इनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ,नीम लेपित यूरिया, परंपरागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शामिल है|
सरकार ने 2015 में किसान विकास पत्र लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य १०० महीने में निवेश की गई राशि को दोगुना करना है| 2015 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर गांव में बिजली पहुंचाने की घोषणा की, उन्होंने 1000 दिनों के भीतर सभी गांव में बिजली पहुंचाने की बात कही, जहां बिजली उपलब्ध नहीं थी| इसके तहत गांव को बिजली पहुंचाने का काम 28 अप्रैल 2018 को 928 दिनों में ही पूरा होगया| जब दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत आजादी के 70 साल बाद मणिपुर के लिसान गांव में बिजली पहुंची|
प्रधानमंत्री ने दिसंबर 2018 तक ग्रामीण और शहरी इलाकों में चार करोड़ से ज्यादा परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए ₹16300 का प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना शुरू की जिसे सौभाग्य योजना भी कहा जाता है| 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की, इसका उद्देश मार्च 2019 के अंत तक गरीब परिवारों के 5 करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है| इस योजना के तहत लगभग 4 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक हाउसिंग फॉर ऑल प्रदान करने का एक महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है| 2022 में भारत अपनी आजादी के 75 साल बनाएगा| इसके लिए सरकार ने 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की| इसका लक्ष्य 2022 तक 50000000 नई आवास इकाइयों का निर्माण करना है| जिनमें से तीन करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में और बाकी शहरी क्षेत्र में निर्माण किया जाना है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और प्रमुख योजना स्वच्छ भारत मिशन है| शौचालय बनाने और भारतीय शहरों कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों और बुनियादी ढांचे को साफ करने के उद्देश्य से 2014 में उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया |
मई 2018 तक 2,212 शहरों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है| शहरी इलाकों में शौचालय निर्माण के लिए प्राप्त लगभग 9400000 आवेदनों में से 4600000 से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया है| ग्रामीण क्षेत्रों में देश के सभी गांव में 7.2 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया है| इसके अलावा ऐसी कई योजनाएं हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने बाल स्वास्थ्य विकास और बालिका विकास के लिए लॉन्च किया है| इनमें से प्रमुख है इंद्रधनुष योजना, सुकन्या समृद्धि खाता और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ|
इसके अलावा भारत में बड़ी संख्या में युवा आबादी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल भारत पहल शुरू की है जिसका ध्यान युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करना है| इसके साथ ही कुछ बीमा और पेंशन योजना भी हैं जिन्हें प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों के तहत लॉन्च किया है| प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसे कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की है|
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