Hindi GK Question (Part-35) | रदरफ़ोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन
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Question No. 1
1 pointsरदरफ़ोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था-
CorrectANSWER- परमाणु केंद्रक
अरनेस्ट रदरफ़ोर्ड यह जानने के इच्छुक थे कि इलेक्ट्रॉन परमाणु के भीतर कैसे व्यवस्थित हैं। उन्होंने एक प्रयोग किया। इस प्रयोग में, तेज़ गति से चल रहे। अल्फ़ा कणों को सोने की पन्नी पर टकराया गया। । इन्होंने सोने की पन्नी इसलिए चुनी क्योंकि वे बहुत पतली परत चाहते थे। सोने की यह पन्नी 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी थी। अल्फा कण द्विआवेशित हिलीयम कण होते हैं। अतः ये धनावेशित होते हैं। चूँकि इनका द्रव्यमान 4 u होता है इसलिए तीव्र गति से चल रहे इन अल्फ़ा कणों में पर्याप्त ऊर्जा होती है। यह अनुमान था कि अल्फा कण सोने के परमाणुओं में विद्यमान अवपरमाणुक कणों के द्वारा विक्षेपित होंगे। चूँकि अल्फ़ा कण प्रोटॉन से बहुत अधिक भारी थे, इसलिए उन्होंने इनके अधिक विक्षेपण की आशा नहीं की थी।
जॉन डाल्टन का जन्म सन् 1766 में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा परिवार में हुआ था। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की। सात साल बाद वह एक जॉन डाल्टन स्कूल के प्रिंसिपल बन गए। सन् 1793 में जॉन डाल्टन एक कॉलेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने के लिए मैनचेस्टर चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन् 1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ।
IncorrectANSWER- परमाणु केंद्रक
अरनेस्ट रदरफ़ोर्ड यह जानने के इच्छुक थे कि इलेक्ट्रॉन परमाणु के भीतर कैसे व्यवस्थित हैं। उन्होंने एक प्रयोग किया। इस प्रयोग में, तेज़ गति से चल रहे। अल्फ़ा कणों को सोने की पन्नी पर टकराया गया। । इन्होंने सोने की पन्नी इसलिए चुनी क्योंकि वे बहुत पतली परत चाहते थे। सोने की यह पन्नी 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी थी। अल्फा कण द्विआवेशित हिलीयम कण होते हैं। अतः ये धनावेशित होते हैं। चूँकि इनका द्रव्यमान 4 u होता है इसलिए तीव्र गति से चल रहे इन अल्फ़ा कणों में पर्याप्त ऊर्जा होती है। यह अनुमान था कि अल्फा कण सोने के परमाणुओं में विद्यमान अवपरमाणुक कणों के द्वारा विक्षेपित होंगे। चूँकि अल्फ़ा कण प्रोटॉन से बहुत अधिक भारी थे, इसलिए उन्होंने इनके अधिक विक्षेपण की आशा नहीं की थी।
जॉन डाल्टन का जन्म सन् 1766 में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा परिवार में हुआ था। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की। सात साल बाद वह एक जॉन डाल्टन स्कूल के प्रिंसिपल बन गए। सन् 1793 में जॉन डाल्टन एक कॉलेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने के लिए मैनचेस्टर चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन् 1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ।
- Question 2 of 4
Question No. 2
1 pointsएक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
CorrectANSWER- परमाणु संख्या समान
‘‘एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है। इस तरह हम कह सकते हैं कि हाइड्रोजन परमाणु के तीन समस्थानिक प्रोटियम, ड्यूटीरियम और ट्राइटियम होते हैं। । बहुत से तत्वों में समस्थानिक का मिश्रण भी होता है। किसी तत्व का प्रत्येक समस्थानिक शुद्ध पदार्थ होता है। समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान लेकिन भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं। ।
समस्थानिक एक ही तत्व के परमाणु हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है। समभारिक वे परमाणु हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या समान लेकिन परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
IncorrectANSWER- परमाणु संख्या समान
‘‘एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है। इस तरह हम कह सकते हैं कि हाइड्रोजन परमाणु के तीन समस्थानिक प्रोटियम, ड्यूटीरियम और ट्राइटियम होते हैं। । बहुत से तत्वों में समस्थानिक का मिश्रण भी होता है। किसी तत्व का प्रत्येक समस्थानिक शुद्ध पदार्थ होता है। समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान लेकिन भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं। ।
समस्थानिक एक ही तत्व के परमाणु हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है। समभारिक वे परमाणु हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या समान लेकिन परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
- Question 3 of 4
Question No. 3
1 pointsआयन में संयोजकता-इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
CorrectANSWER- 8
नील्स बोर (1885-1962) का जन्म 7 अक्टूबर, 1885 में कोपेनहेगन में हुआ था। 1916 में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में उनको भौतिकशास्त्र का प्रोफेसर नियुक्त किया गया। 1922 में उनको परमाणु की संरचना पर अपने योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। प्रोफ़ेसर बोर के विविध लेखों पर आधारित तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई(i) दि थ्योरी ऑफ़ स्पेक्ट्रय एंड एटॉमिक कॉन्स्टीट्यूशन (ii) एटॉमिक थ्योरी, और । (ii) दि डिस्क्रिप्शन ऑफ़ नेचर।
IncorrectANSWER- 8
नील्स बोर (1885-1962) का जन्म 7 अक्टूबर, 1885 में कोपेनहेगन में हुआ था। 1916 में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में उनको भौतिकशास्त्र का प्रोफेसर नियुक्त किया गया। 1922 में उनको परमाणु की संरचना पर अपने योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। प्रोफ़ेसर बोर के विविध लेखों पर आधारित तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई(i) दि थ्योरी ऑफ़ स्पेक्ट्रय एंड एटॉमिक कॉन्स्टीट्यूशन (ii) एटॉमिक थ्योरी, और । (ii) दि डिस्क्रिप्शन ऑफ़ नेचर।
- Question 4 of 4
Question No. 4
1 pointsसोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन सा है-
CorrectANSWER-2.8.1
ई. रदरफोर्ड (1871-1937) का जन्म 30 अगस्त, 1871 में स्प्रिंग ग्रोव में हुआ था। उनको नाभिकीय भौतिकी का जनक माना जाता था। रेडियोधर्मिता पर अपने योगदान और सोने की पन्नी के द्वारा परमाणु के नाभिक की खोज के लिए वे बहुत प्रसिद्ध हुए। 1908 में उनको नोबेल पुरस्कार मिला।
IncorrectANSWER-2.8.1
ई. रदरफोर्ड (1871-1937) का जन्म 30 अगस्त, 1871 में स्प्रिंग ग्रोव में हुआ था। उनको नाभिकीय भौतिकी का जनक माना जाता था। रेडियोधर्मिता पर अपने योगदान और सोने की पन्नी के द्वारा परमाणु के नाभिक की खोज के लिए वे बहुत प्रसिद्ध हुए। 1908 में उनको नोबेल पुरस्कार मिला।
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