Hindi GK Question (Part-17) – प्रमुख याम्योत्तर का मान, शीत कटिबंध
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Question No. 1
1 pointsप्रमुख याम्योत्तर का मान है-
CorrectANSWER- 0°
अक्षांश (समानांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है। इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच, जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गिनती शुरू की जाए। इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्ध एवं पश्चिमी गोलार्ध में विभक्त करती है। इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। यह जानना रोचक होगा कि 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं।IncorrectANSWER- 0°
अक्षांश (समानांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है। इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच, जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गिनती शुरू की जाए। इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्ध एवं पश्चिमी गोलार्ध में विभक्त करती है। इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। यह जानना रोचक होगा कि 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं। - Question 2 of 4
Question No. 2
1 pointsशीत कटिबंध किसके नजदीक पाया जाता है-
CorrectANSWER- ध्रुवों
उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा । दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एवं दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि, यहाँ सूर्य क्षितिज से ज्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
IncorrectANSWER- ध्रुवों
उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा । दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एवं दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि, यहाँ सूर्य क्षितिज से ज्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
- Question 3 of 4
Question No. 3
1 pointsदेशांतरो की कुल संख्या है-
CorrectANSWER- 360
चूँकि, पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, अतः वे स्थान जो ग्रीनिच के पूर्व में हैं, उनका समय ग्रीनिच समय से आगे होगा तथा जो पश्चिम में हैं, उनका समय पीछे होगा । समय के अंतर की दर की गणना निम्नलिखित विधि से की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है, अर्थात् वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। इस प्रकार जब ग्रीनिच में दोपहर के 12 बजते हैं, तब ग्रीनिच से 15° पूर्व में समय होगा 15 4 = 60 मिनट अर्थात्, ग्रीनिच के समय से 1 घंटा आगे, अर्थात् वहाँ दोपहर का 1 बजा होगा। लेकिन ग्रीनिच से 15° पश्चिम का समय ग्रीनिच समय से 1 घंटा पीछे होगा यानी, वहाँ सुबह के 11 बजे होंगे। इसी प्रकार जब ग्रीनिच पर दोपहर के 12 बजे होंगे उस समय 180° पर मध्य रात्रि होगी। कुछ देशों का देशांतरीय विस्तार अधिक होता है, जिसके कारण वहाँ एक से अधिक मानक समय अपनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, रूस में 11 मानक समयों को अपनाया गया है। पृथ्वी को एक-एक घंटे वाले 24 समय क्षेत्रों में बाँटा गया है। इस प्रकार प्रत्येक समय-क्षेत्र 15° देशांतर तक के क्षेत्र को घेरता है।IncorrectANSWER- 360
चूँकि, पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, अतः वे स्थान जो ग्रीनिच के पूर्व में हैं, उनका समय ग्रीनिच समय से आगे होगा तथा जो पश्चिम में हैं, उनका समय पीछे होगा । समय के अंतर की दर की गणना निम्नलिखित विधि से की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है, अर्थात् वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। इस प्रकार जब ग्रीनिच में दोपहर के 12 बजते हैं, तब ग्रीनिच से 15° पूर्व में समय होगा 15 4 = 60 मिनट अर्थात्, ग्रीनिच के समय से 1 घंटा आगे, अर्थात् वहाँ दोपहर का 1 बजा होगा। लेकिन ग्रीनिच से 15° पश्चिम का समय ग्रीनिच समय से 1 घंटा पीछे होगा यानी, वहाँ सुबह के 11 बजे होंगे। इसी प्रकार जब ग्रीनिच पर दोपहर के 12 बजे होंगे उस समय 180° पर मध्य रात्रि होगी। कुछ देशों का देशांतरीय विस्तार अधिक होता है, जिसके कारण वहाँ एक से अधिक मानक समय अपनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, रूस में 11 मानक समयों को अपनाया गया है। पृथ्वी को एक-एक घंटे वाले 24 समय क्षेत्रों में बाँटा गया है। इस प्रकार प्रत्येक समय-क्षेत्र 15° देशांतर तक के क्षेत्र को घेरता है। - Question 4 of 4
Question No. 4
1 pointsदक्षिण ध्रुव वृत्त स्थित है-
CorrectANSWER-दक्षिणी गोलार्ध में
कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।
IncorrectANSWER-दक्षिणी गोलार्ध में
कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।
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