Fourth Industrial Revolution In Hindi For Upsc And Other Competatives Exams:-चौथी औद्योगिक क्रांति के तौर पर दुनिया एक शक्तिशाली ताकत के रूप में उभरते हुए सामने देख रही है| कुछ सेक्टर को चौथी औद्योगिक क्रांति को नेतृत्व देने की भारत की क्षमता को विश्व आर्थिक मंच ने भी महसूस किया है, और यही वजह है कि विश्व आर्थिक मंच ने मुंबई में इससे संबंधित सेंटर बनाने के लिए भारत सरकार के साथ साझेदारी की है|
चौथी औद्योगिक क्रांति और भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत के पहले और विश्व के चौथे सेंटर ऑफ फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का शुभारंभ किया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है और भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देशों में से एक है|
दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की दहलीज पर खड़ी है, भारत की 50% से अधिक आबादी 27 साल से कम आयु की है| ऐसे में विश्व की चौथी औद्योगिक क्रांति के एजेंडे को लागू करने में भारत की भूमिका जिम्मेदारियों से भरी और काफी अहम होने जा रही है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है| गुरुवार को विश्व आर्थिक मंच के सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत का अभूतपूर्व योगदान होगा और भारत इसे सामाजिक परिवर्तन के आधार के तौर पर भी देख रहा है| उन्होंने कहा कि सरकार चौथी औद्योगिक क्रांति के फायदा उठाने के लिए तैयार है|
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत का योगदान पूरे विश्व को चौंकाने वाला होगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी विविधता, हमारी जनसांख्यिकी क्षमता ,तेजी से बढ़ता बाजार का आकार और क्रिस्टल संरचना में देश को शोध और क्रियान्वयन का वैश्विक केंद्र बनाने की संभावना है| भारत में होने वाले इनोवेशन का लाभ पूरी दुनिया और पूरी मानवता को मिलेगा|
चौथी औद्योगिक क्रांति से भारत के लिए संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने चौथी औद्योगिक क्रांति से रोजगार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंकाओं को भी खारिज किया है| प्रधानमंत्री का मानना है कि चौथी औद्योगिक क्रांति से रोजगार की प्रकृति बदल जाएगी और इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे| आर्टिफीसियल इंटेलीजेंट, मशीन लर्निंग के मदद से भारत के विकास को नई ऊंचाई पर ले जाने रोजगार के अवसर बनाने और देश की हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता है|
चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत के लिए ढेर सारी संभावनाएं भी है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को गरीबी कम करने, किसानों के जीवन में सुधार लाने और दिव्यांगों के जीवन को आसान बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है| स्वास्थ्य सुधार बेहतर होगा और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम होगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है| जिससे मशीन से लेकर आपराधिक न्याय से लेकर विनिर्माण भी शामिल है|ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में मदद कर सकती है|
मानव रहित एयरक्राफ्ट सिस्टम जिन्हें आम तोड़ पर ड्रोन के नाम से जाना जाता है का इस्तेमाल फसल को सुरक्षित बनाने ,पैदावार बढ़ाने , खतरनाक नौकरियों को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकता है साथ ही दूर-दराज के इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए लाइफलाइन
के रूप में कार्य कर सकता है| ड्रोन 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकता है| भारत बहुत जल्द ही अपनी ड्रोन पॉलिसी का भी ऐलान करने वाला है|
भारत सरकार और चौथी औद्योगिक क्रांति
चौथी औद्योगिक क्रांति की दिशा में भारत सरकार ने पहले ही सकारात्मक शुरुआत कर दी है| भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसे प्रयासों से आवश्यक संरचनात्मक सुधार लाने और एक उद्यमी माहौल बनाने पर जोर दिया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबके साथ सबके विकास का नारा और बड़े पैमाने पर विकास के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का विचार अब साकार रूप ले रहा है|
यह समावेशी विकास और प्रगति को बढ़ावा दे सकता है, भारत में दुनिया की सबसे नौजवान श्रम शक्ति है| यहाँ तकनीकी योग्यता रखने वालों की एक बड़ी फ़ौज है, मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करने के मामले में देश का विश्व में दूसरा स्थान है, और सबसे अधिक अंग्रेजी बोलने वालों की आबादी के मामले में भी यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है| इन सब के जरिए भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में अपने वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को निभाने के लिए तैयार है|
चौथी औद्योगिक क्रांति क्या है?
पहली औद्योगिक क्रांति ने कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को उद्योग प्रधान अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया वहीं दूसरी औद्योगिक क्रांति ने बिजली के इस्तेमाल से उत्पादन की प्रक्रिया को काफी गति प्रदान की थी, जबकि सूचना प्रौद्योगिकी ने तीसरी औद्योगिक क्रांति को अंजाम दिया अब बारी है चौथी औद्योगिक क्रांति की|
चौथी औद्योगिक क्रांति का आगाज कई सारे डिस्टल तकनीकों और विनिर्माण प्रौद्योगिकियों की एक साथ उपयोग और इस्तेमाल से हुआ है इसे इंडस्ट्री 4.0 भी कहा जा रहा है| इसमें ना केवल डिजिटल क्षेत्र जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन शिक्षण, रोबोटिक्स और नई प्रकार की ऑटोमेशन शामिल है बल्कि भौतिकी क्षेत्र के साथ-साथ बायो इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जुड़ी नई नई तकनीक और अविष्कार भी शामिल है| इसमें मोबाइल इंटरनेट और ब्लॉक चैन, 3D प्रिंटिंग के अलवा बहुत सी तकनीक शामिल है|
चौथी औद्योगिक क्रांति यानी उद्योग 4.0, स्मार्ट फैक्ट्री के संचालन और व्यवहार को सुगम और सरल बनाता है| यह साइबर भौतिक प्रणालियों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स ऑफ इंटरनेट ऑफ सर्विसेस को एक साथ मिलाकर काम करता है| साइबर भौतिक प्रणालियां जहां भौतिक प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ ही भौतिक दुनिया के आभासी रूप का सृजन और विकेंद्रीकरण का निर्णय लेती है, वही इंटरनेट ऑफ थिंग्स साइबर भौतिक प्रणाली के तहत वास्तविक समय में एक दूसरे के साथ और मनुष्य के साथ संवाद और सहयोग करती है| चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत जर्मन सरकार की नीतियों से हुई है|
चौथी औद्योगिक क्रांति के फ़ायदे
चौथी औद्योगिक क्रांति सिर्फ नए उत्पादों और सेवाओं को ही बढ़ावा नहीं देगी बल्कि हमारी व्यक्तिगत जीवन की दक्षता और खुशियों को भी बढ़ाने का काम करेगी| एक टैक्सी ऑर्डर करना, विमान का टिकट बुक करना, कोई उत्पाद खरीदना या किसी चीज का भुगतान करना साथ ही संगीत सुनना, फिल्म या खेल देखना यह सारी चीज है भविष्य में और भी सरल और आसानी से उपलब्ध होंगी| इसके साथ ही भविष्य में तकनीकी नवाचार दक्षता और उत्पादकता में दीर्घकालिक लाभ के साथ ही वस्तुओं के सप्लाई में भी काफी आसानी होगी|
इस क्रांति से जहां परिवहन और संचार लागत काफी कम हो सकती है वहीं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बेहद प्रभावी हो सकती है| साथ ही व्यापार की लागत कम हो जाएगी और नए बाजार खुलने से आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है|
पहले की उद्योगिक क्रांतिओं की तरह ही चौथी औद्योगिक क्रांति में भी वैश्विक आए के स्तर को बढ़ाने और दुनिया भर में आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की क्षमता है| लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी जताई जा रही है जैसे की इसके आने से व्यापार में आसमान तक पैदा हो सकती है साथ ही रोजगार की कमी और श्रम बाजारों को इससे परेशानी हो सकती है|
औद्योगिक क्रांति इतिहास
18 वीं सदी के उत्तरार्ध और उन्नीसवीं सदी के शुरू में ब्रिटेन में तकनीकी सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में बड़े बदलाव आए जिसे बाद में औद्योगिक क्रांति का नाम दिया गया| यह सिलसिला ब्रिटेन से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल गया और विश्व में एक नए युग की शुरुआत हो गई|19वीं सदी के उत्तरार्ध में एक किताब “लेक्चरर्स ऑन द इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन इन इंग्लैंड” में औद्योगिक क्रांति शब्द का इस्तेमाल किया था| पहली बार औद्योगिक क्रांति की शुरुआत वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ हुई, इस दौरान जल और भाजपा के इंजन की शक्ति से चलने वाले यंत्रों का आविष्कार हुआ था|
पहली औद्योगिक क्रांति असर
- उत्पादन में असाधारण वृद्धि, शहरीकरण, बैंकिंग और मुद्रा प्रणाली का विकास
- मुक्त व्यापार को बढ़ावा
- आर्थिक असंतुलन और कुटीर उद्योगों का खात्मा
- जनसंख्या में वृद्धि, नए सामाजिक वर्गों का उदय
- मानवीय संबंधों में गिरावट, नैतिक मूल्यों में गिरावट
- शहरी जीवन में भी गिरावट
- बीसवीं सदी के आखिरी दशक में
- कम्प्यूटर और सूचना के साथ संचार क्रांति से जुड़ी प्रौद्योगिकी का विकास
- असर टेलीग्राफ, पुराने टाइपराइटर्स और छापाखाने के दिन बीत गए
- लैंडलाइन फोन की जगह मोबाइल
- असर कम्प्यूटर और इंटरनेट ने जटील चीजों को आसान बनाया
- दुनिया एक ग्लोबल गांव में बदल गई।
भारत में औद्योगिक क्रांति का इतिहास
- 1850 के दौर में औद्योगिकीकरण की छाप
- 1853-54 में रेल और डाक तार की शुरुआत
- बंबई में पहली कपड़ा मिल 1854 में
- दो साल बाद उसमें उत्पादन होने लगा
- 1862 तक बंबई में चार कपड़ा मिल
- देश की पहली जूट मिल 1855 में और दूसरी सात साल बाद 1862 में
- कोयले की खदानों में खुदाई इसी दौर में शुरू
- 1907 में पहला इस्पात कारखाना जमशेदपुर में खुला।
- कागज और चमड़ा बनाने वाले कारखानों की स्थापना हुई।
- 1932 के आस पास चीनी मिलें आस्तित्व में
- 1951 में औद्योगिक लाइसेंसिग की व्यवस्था
- 1956 में नई औद्योगिक नीति
- उद्योगों का वर्गीकरण किया और औद्योगिकरण पर जोर
- 1970 की नीति में लाइसेंसिग व्यवस्था बेहतर बनाने की कवायद
- 1977 की औद्योगिक नीति में ग्रामीण उद्योगों पर ध्यान
- 1980 की नीति में ऑटोमेशन को बढ़ावा
- 1991 की औद्योगिक नीति में अर्थव्यवस्था को उदार। बनाया गया
- 18 उद्योगों को छोड़कर बाकी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त
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