मंगल की सतह पर क्या है मंगल ग्रह की संरचना क्या हैं इसका वातावरण कैसा है यह सब सवाल है जो सिर्फ वैज्ञानिकों को ही नहीं बल्कि उन तमाम लोगों के लिए कौतूहल का वजह बनते रहते हैं इस कौतूहल को दूर करने के लिए नासा ने 5 मई 2018 को इनसाइट्स मार्स मिशन लॉन्च अगर इनसाइट्स मार्स लैंडर सफ़लता पूर्वक मंगल पर पहुच गया तो हमे इन सारे सवालो का सवाब मिल जायेगा ! इनसाइट्स मार्स मिशन 2018 की सम्पूर्ण जानकारी आपको यहाँ मिलेगी जो की आपके आने वाले एग्जाम के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं.
इनसाइट्स मार्स मिशन और मंगल इनसाइट अभियान क्या हैं ?
मंगल मिशन का इतिहास- सम्पूर्ण जानकारी 2018
– 10 अक्टूबर 1960 को रूस का पहला मिशन छोड़ा गया था
– 19 मई 1971 को मार्स-2 रूस का दूसरा मिशन
– मरीनर-4 नासा द्वारा 1964 में
– मरीनर-9 नासा द्वारा 1971 लॉन्च किया गया
– मार्स 3 सोवियत स्पेस एजेंसी नासा द्वारा 1971 लॉन्च
– वाइकिंग 1 नासा द्वारा 1975
– वाइकिंग 2 नासा द्वारा 1975 लॉन्च किया गया
– मार्स ग्लोबल सर्वेयर नासा द्वारा 1996 लॉन्च किया गया
– मार्स पाथफाइंडर नासा द्वारा 1997
– मार्स ओडिसी नासा द्वारा 2001 लॉन्च किया गया
– मार्स एक्सप्रेस यूरोपीय अंतरिक्ष द्वारा एजेंसी 2003
– 2014 मंगलयान-1 अभियान इसरो द्वारा लॉन्च किया गया
इनसाइट मार्स लैंडर क्या हैं
इनसाइट मार्स लैंडर नासा द्वारा लॉन्च किया गया हैं मार्स लैंडर फीनिक्स अंतरिक्ष यान की तर्ज पर डिजाइन किया गया हैं जो की मंगल ग्रह पर सिस्मोमीटर भूकंपों की तीव्रता की जाँच करेगा – हीट फ्लो सतह के अंदर के तापमान मापेगा यह हीट फ्लो मंगल की सतह में 5 मीटर की दूरी तक अंदर जा सकेगा. मार्स लैंडर का थर्मल शील्ड पर्यावरण से सिस्मोमीटर को बचाएगा और इस अंतरिक्ष यान में एक रेडियो विज्ञान यंत्र के जरिए संरचना की बनावट और बदलावों की जांच करके पृथ्वी तक जानकारी भेजेगा यह मंगल ग्रह पर लगातार 26 महीनो तक कम करेगा और जानकारी भेजेगा !
एक नज़र मंगल ग्रह पर
– सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत
– ओलम्पस मोन्स मंगल ग्रह पर हैं
– सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी वैलेस मैरीनेरिस मंगल पर अवस्थित हैं
– मंगल पर मौसमी चक्र तक़रीबन पृथ्वी जैसा ही हैं
– यह गृह सूर्य से दूरी की वजह से ठंड ज़्यादा हैं
– मंगल बुध से बड़ा और भारी
– यह गृह गुरुत्वीय खिंचाव बुध जितना ही हैं
– पृथ्वी से नंगी आखो से दिखता है।
– मंगल ग्रह का व्यास का पृथ्वी के व्यास का लगभग आधा हैं
– यह गृह पृथ्वी से कम घना हैं
मानवीय कोशिशें -ब्रह्मांड की खोज को लेकर
सबसे पहले कॉपरनिकस ने कहा पृथ्वी, ब्रह्मांड के केंद्र में नहीं हैं गैलीलियो ने अपना पहला टेलीस्कोप 1609 में बनाया और पाया की आकाश में सितारों से आगे और भी कई सितारे हैं. लगभग उसी समय गियोर्दानो ब्रुनो ने दावा किया कि आकाश अनंत और एडमंड फ़ोर्नियर ने कहा आकाशगंगा में बहुत से ब्रह्मांड हैं |
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