अगर शांति भंग करने के मकसद से कोई जानबूझकर अफवाह फैलाता है या अफ़वाह वाले मेसेज को आगे बढ़ाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और आईपीसी की धारा 505 और 295 के तहत दोषी वयक्ति पर करवाई हो सकती है|
- सोशल मीडिया दुरुपयोग
- जानलेवा अफवाह के कारण इंजीनियर की पीट-पीटकर हत्या
- जानलेवा अफवाहें पर केंद्र सरकार का निर्देश
- जानलेवा अफवाहे पर केंद्र सरकार की सख्ती
- अफवाह फ़ैलाने पर कौन सी धारा के तहत सजा होती हैं?
- महाराष्ट्र की घटनाएं
- त्रिपुरा और असम की घटनाएं
- अलग-अलग हिस्सों की घटनाएं
- पश्चिम बंगाल में बच्चा चोरी की अफवाह
सोशल मीडिया दुरुपयोग
- 2017 और 2018 में अब तक भीड़ ने 32 लोगों की जान ले ली है।
- 2018 में व्हाट्सऐप के जरिए फैली अफवाह से 21 लोगों की मौत
- मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 2015 से अब तक 100 से ज्यादा मौतें
सोशल मीडिया में पलक झपकते ही हर चीज फैल जाती है फिर वह चाहे अफवाह भी क्यों ना हो| सोशल मीडिया का इस्तेमाल अफवाह फैलाने के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है|अफवाहों को आधार मानकर भीड़ उन्मादी होकर लोगों की पिटाई शुरू कर देती है और कई बार तो हत्या भी कर देती है| पिछले कुछ महीनों में बच्चा चोरी की अफवाह की वजह से कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी हैं|
जानलेवा अफवाह के कारण इंजीनियर की पीट-पीटकर हत्या
- इंजीनियर मोहम्मद आजम उस्मान दोस्तों के साथ बीदर गए थे।
- बच्चों को देखकर चॉकलेट बांटने लगे, किसी ने बच्चा चोर होने की अफवाह उड़ा दी और तस्वीर बच्चा चोर के नाम से व्हाट्सऐप परडाल दी।
- तस्वीर तेजी से वायरल हो गई स्थानीय लोगों ने इनके कार पर हमला कर 28 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आजम उस्मान की पीट-पीटकर हत्या कर दी|
- लोगों ने झूठे वायरल मैसेज को सच मान लिया|
- तीन दोस्त घायल हो गए, घायलों में कतर का नागरिक था ।
- पुलिस ने तीस लोगों को गिरफ्तार किया है उसमे से एक व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन भी शामिल हैं|
अक्सर हम लोग सोशल मीडिया, Whatsapp पर आने वाले मैसेजेस और वीडियो को सच मान लेते हैं हमें लगता है कि क्योंकि यह वीडियो यह मैसेज एक भरोसेमंद शख्स या ग्रुप के जरिए आ रहा है इसलिए यह सच ही होगा और हम बिना सोचे समझे उस संदेश को फॉरवर्ड कर देते हैं|
उदाहरणों की बात करें तो 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में भी एक बच्चे को गोली मारने का वीडियो वायरल हुआ बाद में कई मीडिया संस्थानों ने पुष्टि की वीडियो पाकिस्तान के किसी कबायली इलाके का वीडियो था|
इसी तरह बिहार के नवादा में एक व्यक्ति को फांसी पर लटकाने का वीडियो वायरल हुआ तो इलाके में तनाव पैदा हो गया था बाद में मीडिया ने इसे बांग्लादेश का वीडियो बताया| यह सिर्फ कुछ उदाहरण है दरअसल ऐसे झूठे और अफवाहों से भरे वीडियो पोस्ट पर तस्वीरें उस बारूद की तरह है| जो कभी भी किसी की भी जान ले सकता है सरकार इस दिशा में अब गंभीर दिख रही है और इसे रोकने के तमाम कदम उठाए हैं|
जानलेवा अफवाहें पर केंद्र सरकार का निर्देश
- राज्य अफवाहों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
- बच्चा चोरी की अफवाहों का जल्दी पता लगाने के लिए पैनी नज़र रखने को कहा गया हैं|
- अफवाहों को रोकने के लिए असरदार उपाय शुरू हो|
- ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें, जहां अफवाह फैलने की संभावना ज्यादा है।
- इन इलाकों में जागरूकता फैलाने और विश्वास बहाल करने का काम हो|
- बच्चों के अपहरण की शिकायतों की जांच तेजी से करने का निर्देश दिया गया है|
जानलेवा अफवाहे पर केंद्र सरकार की सख्ती
- गैरजिम्मेदार और बवाल मचाने वाले संदेशों को फैलने से रोका जाए।
- व्हाट्सऐप को तत्काल कदम उठाने का निर्देश।
- अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने दें|
अफवाहों की वजह से हो रही मौतों पर केंद्र सरकार गंभीर है केंद्र ने राज्यों को ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है इसके अलावा केंद्र सरकार ने WhatsApp जैसे सोशल मैसेज इन कंपनियों को भी आगाह किया है|
केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से बच्चा चोरी की अफवाहों का जल्द पता लगाने के लिए पैनी नजर रखने को कहा है ऐसी अफवाहों को रोकने के लिए असरदार उपाय शुरू करने का निर्देश दिया गया है|
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर भी सख्त रुख अपनाया है केंद्र सरकार नहीं 3 जुलाई को WhatsApp को अफवाह फैलाने को लेकर आगाह किया था| केंद्र सरकार ने WhatsApp को गैर जिम्मेदार और बवाल मचाने वाले संदेशों को फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था| केंद्र सरकार के निर्देश में कहा गया है कि WhatsApp और दूसरे अन्य मैसेजिंग ऐप अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने दें ऐसे मैसेजिंग ऐप उनके जरिए फैल रही फर्जी ख़बरों वीडियो और तस्वीरों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि ऐसी अफवाहें फैलती है तो WhatsApp के दूसरे सोशल मीडिया साइट्स अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकते|
केंद्र सरकार की सख्ती के बाद अफवाहों को रोकने की दिशा में WhatsApp की प्रक्रिया हुआ WhatsApp ने फॉरवर्ड मैसेज को बिना सोचे समझे आगे बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी बदलाव किए जाने की बात कही और इस दिशा में वह कदम भी उठा रहा है WhatsApp में इसके लिए सरकार और आम नागरिकों से सहयोग की भी अपील की है WhatsApp ने 10 जुलाई को देशभर में हिंदी और अंग्रेजी के प्रमुख अखबारों में जागरूकता के मकसद से विज्ञापन भी निकाला| इसमें 10 सुझावों के जरिए लोगों को समझाया गया है कि कैसे अफवाहों और फेक न्यूज़ से बचा जा सकता है|
- जानलेवा अफवाहें को फॉरवर्ड करने से कैसे बचे |
- हिंदी और अंग्रेजी के प्रमुख अखबारों में विज्ञापन कैसे अफवाहों और फेक न्यूज़ से बचें
- फॉरवर्ड मैसेज के संदेशों से सावधान रहें।
- व्हाट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज का फीचर जारी कर रहा है।
- फॉरवर्ड मैसेज के परेशान करने वाले तथ्यों पर सवाल उठाएं।
- भावनाओं को भड़काने वाले मैसेज को साझा नहीं करें|
- यकीन से परे तथ्यों की दूसरे स्त्रोत से जांच करे
- ऐसे संदेशों से बचें, जो अलग दिखते हों
- संदेशों में मौजूद फोटो को ध्यान से देखें
- कभी-कभी फोटो सच्ची होती है लेकिन उससे जुड़ी कहानी नहीं
- ऑनलाइन जाकर फोटो का स्त्रोत पता करना चाहिए।
- संदेश में मौजूद लिंक की भी जांच करनी चाहिए|
- लिंक में ग़लत वर्तनी या विचित्र वर्ण हो तो सच्चाई की गुंजाइश कम होती हैं|
- ख़बर की जांच के लिए अन्य समाचार साइट या ऐप की मदद लें|
- संदेशों में मौजूद जानकारी झूठी प्रतीत होने पर साझा करने से बचें
- उल्टे-सीधे मैसेज करने वाले को तुरंत ब्लॉक करें|
- अफवाह फैलाने वाले ग्रुप को भी छोड़ सकते हैं।
- कई बार साझा होना ख़बर के सच होने का प्रमाण नहीं|
अफवाह फ़ैलाने पर कौन सी धारा के तहत सजा होती हैं?
पुलिस का दावा है कि इस तरह की घटनाएं होने के बाद दोषियों को सजा देने के प्रावधान कानून में है|देश में कानूनी तंत्र में मॉब लिंचिंग या फेक न्यूज़ या फेक मैसेजेस जैसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर कोई ऐसा करता दोषी पाया जाए तो वह कानूनी शिकंजे से बच जाएगा| हाल ही में उत्तर प्रदेश के शामली में पुलिस ने एक WhatsApp ग्रुप के दो एडमिन को गिरफ्तार किया जिन पर विवादित संदेश अपलोड करने का आरोप था इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 और 295 के तहत मामला दर्ज किया गया|
महाराष्ट्र की घटनाएं
- धुले में भीड़ ने एक जुलाई को 5 लोगों को
- पीट-पीटकर मार डाला
- आठ जून को औरंगाबाद ज़िले में भीड़ ने दो लोगों की हत्या कर दी।
- डेढ़ महीने में महाराष्ट्र में 14 घटनाएं, 10 लोगों की मौत
त्रिपुरा और असम की घटनाएं
- त्रिपुरा में 28 जून की घटना सुकांत चक्रवर्ती बच्चा चोरी की अफवाहों के प्रति जागरुकता फैलाने के काम में जुटे थे।
- दक्षिण त्रिपुरा जिले के सबरूम उपमंडल में भीड़ ने सुकांत की हत्या कर दी|
- जून के आखिरी हफ्ते में त्रिपुरा में दो और लोग की हत्या|
- असम के कार्वी आंगलोंग इलाके की घटना|
- बच्चा चुराने वाले एक गैंग से जुड़ी अफवाह|
- 8 जून को उन्मादी भीड़ ने दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी|
- दोनों युवक गुवाहाटी से कार्बी आंगलोंग छुट्टियां मनाने आए थे|
अलग-अलग हिस्सों की घटनाएं
- अहमदाबाद में बच्चा चुराने के शक में 26 जून को महिला की हत्या|
- छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में बच्चा चोरी की अफवाह फैली । भीड़ ने एक शख्स की हत्या कर दी|
- उत्तर प्रदेश में हापुड़ में गोहत्या की अफवाह|
- 19 जून को अल्पसंख्यक समुदाय के दो शख्स की पिटाई । बाद में इनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई|
पश्चिम बंगाल में बच्चा चोरी की अफवाह
- 13 जून को एख शख्स की पीट-पीटकर हत्या ।
- झारखंड के गोड्डा ज़िले में जून में मवेशी चोरी की अफवाह
- अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों की हत्यातमिलनाडु में 14 अप्रैल से 10 मई के बीच पांच लोगों की हत्या|
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